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लेखनी कहानी -31-Oct-2023 किस्मत का लिखा

शीर्षक = किस्मत का लिखा

आयत, मुझे माफ कर देना मैं अब और तुम्हे इस रिश्ते में नही बांध सकता मुझे लगता था कि तुम्हे हासिल कर लेना ही मेरे प्यार की जीत है लेकिन मैं गलत था मैं इन सालो में तुम्हारे दिल में वो मक़ाम नही बना सका जो मेरे दोस्त आदिल का था तुम्हारे दिल में।

मुझे लगा उसकी मौत के बाद आज नही तो कल तुम उसे भूल जाओगी, मेरा प्यार तुम्हारे दिल से आदिल की मोहब्बत निकाल देगा तुम्हारा मेरे पास होना ही बहुत मायने रखता था मेरे लिए लेकिन अब लगता है कि तुम्हे अपना बनाना आदिल की मौत के बाद तुमसे निकाह करना शायद मेरी सबसे बड़ी भूल थी मुझे लगा कि शायद मैं आदिल की कमी पूरी कर सकता हूँ क्यूंकि मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करता था लेकिन मेरी मोहब्बत नाकामयाब रही मैं चाह कर भी तुम्हारे दिल और दिमाग़ से आदिल की यादें नही निकाल पाया कही तुम मेरे साथ बंधे इस शादी के बंधन से खुद को आजाद करने के लिए खुद को कोई चोट न पंहुचा दो और मैं तुम्हे कही खो ना दू इसलिए मेरा तुमसे दूर चले जाना बेहतर है मैं नही चाहता कि तुम खुद को कोई नुकसान पहुचाओ इसलिए मैं जा रहा हूँ दूर बहुत दूर मैं तुम्हे खोने से डरता हूँ तुम्हारी जुदाई तो बर्दाश्त कर सकता हूँ लेकिन खोने से डरता हूँ इसलिए मैं आज ही इस रिश्ते से तुम्हे आजाद करता हूँ इस खत के साथ ही तलाक के कागज है जिनपर मैंने दस्तखत कर दिए है तुम भी कर देना और हाँ ये घर तुम्हारा ही है मेरे लिए तुम्हारी ख़ुशी से बढ़कर कुछ नही तुम जहाँ भी रहो खुश रहो मेरी यही दुआ है।

अपने सरहियाने रखे आफ़ताब के खत को पढ़ते हुए आयत की आँखों से आंसू निकल रहे थे उसने ज़ब तलाक के कागज हाथ में उठाये तो फुट फुट कर रोने लगी उसके लिए आसान नही था आफ़ताब के लिए वही एहसास दिल में जगाना जो कभी आदिल के लिए हुआ करते थे जो शादी वाले दिन ही उससे दूर बहुत दूर चला गया एक्सीडेंट होने की वजह से और वो दुल्हन बनी उसका इंतजार कर रही थी। ऐसा नही था कि उसने कभी कोशिश नही की रिश्ते को आगे बढ़ाने की पर वो नाकाम रही उसके दिल से कभी आदिल की मोहब्बत गयी ही नही आफ़ताब तो उसकी जिंदगी में मसीहा बन कर आया था ज़ब सब लोग उसे मनहूस कह कर बुला रहे थे और उसके अम्मी अब्बू इस बात से परेशान थे कि अब आखिर कौन शादी करेगा उससे तब आफ़ताब ही था जिसने सबका मूंह बंद किया था उससे निकाह करके आयत हाथ में वो खत थामे बस रो रही थी और अपनी किस्मत के लिखें को देख हैरान हो रही थी कि पल भर में सब कुछ बदल गया उसकी जिंदगी में कुछ भी पहले जैसा नही रहा अब

समाप्त...

प्रतियोगिता हेतु

मोहम्मद उरूज खान

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1 Comments

Varsha_Upadhyay

31-Oct-2023 07:45 PM

Nice 👌

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